“Kuberaa dhanush rashmika movie review in hindi”
फिल्म का सारांश “Kuberaa dhanush rashmika movie review in hindi”
“कुबेर” एक गहन सामाजिक‑आर्थिक फिल्म है, जिसमें मुख्य पात्र देव (Dhanush) एक भिखारी के रूप में जीवन की कड़वी हकीकत से शुरुआत करता है। उसकी मुलाकात दीपक (Nagarjuna) नामक एक पूर्व CBI अधिकारी से होती है, जो अब दलाली और सत्ता की राजनीति से जुड़ा है। नीरज (Jim Sarbh), एक ताकतवर बिजनेसमैन, ओशन व्यू तेल रिज़र्व के नियंत्रण के लिए राजनीतिक षड्यंत्र रचता है। इसके लिए वह बहुत बड़े पैमाने पर रिश्वत योजनाएं तैयार करता है, और इसमें देव को एक पैकेट पहुँचाने वाले के रूप में शामिल किया जाता है।
फिल्म की कहानी बताती है कि कैसे एक अमानवीय व्यवस्था और भ्रष्ट व्यवस्था में देव ने अपनी अस्तित्व‑संघर्ष शुरू किया, कब वह प्रणाली की कठोरता को समझकर खुद को राजनीति‑धन और सत्ता के चक्र में ढालता है।
बीच‑बीच में “समीरा (Rashmika Mandanna)” भी आती है, जो देव का साथ देती है और उसे इंसानियत की याद दिलाती है। धीरे‑धीरे कहानी गहराती है—दीपक की नैतिक उलझन, नीरज की सत्ता की भूख, और देव की चुप रहने की चालाकी।
अंत में देव एक सत्ता की ताकत बनने की राह पर निकलता है, यह दिखाते हुए की सत्ता उसे भ्रष्ट बनाती है या वह सत्ता को बदल कर दिखाता है—यही क्लाइमैक्स में खुलता है। कुछ समीक्षकों ने अंत को “कन्वेंशनल” यानी पारंपरिक बताया है, लेकिन यथार्थवादी अभिनय और कथा‑बयान ने एक गहराई दी है।
Kuberaa dhanush rashmika movie review in hindi
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कुबेर फिल्म की कहानी क्या है?
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कुबेर मूवी में खलनायक कौन है?
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कुबेर फिल्म किसने बनाई है?
निर्देशन और तकनीकी पक्ष
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निर्देशक/लेखक | शेखर कम्मुला (Sekhar Kammula): इस फिल्म में उन्होंने अपनी ग्राउंड‑रीयलिस्टिक शैली बनाई, लेकिन अब बड़े स्केल पर अपराध और शक्ति‑कथा पेश की|
कहानी‑संवाद | शेखर‑चैतन्य पिंगली (Chaithanya Pingali) संवादों की हिंदी‑तेलुगू‑तमिल टीम ने की |
संगीत | देवी श्री प्रसाद (DSP): बैकग्राउंड स्कोर को रंगीन और इमोशनल बताया गया है |
कैमरावर्क | निकेथ बौम्मिरेड्डी (Niketh Bommi): मुंबई और हैदराबाद के रियल लोकेशन को प्रभावशाली ढंग से दिखाया |
एडिटिंग | कार्थिका श्रीनिवास: फिल्म लगभग 3 घंटे 1 मिनट की है, कुछ कटौती के साथ बेहतर फ्लो अब है |
निर्माण | बजट 120 करोड़, प्रोड्यूसर्स: सुनील नारंग व पुश्कर राम मोहन राव |
अभिनेताओं का विश्लेषण
धनुष (देव): अपने अभिनय‑कैरियर का अब तक का सबसे जबरदस्त प्रदर्शन। उन्होंने जीवंत अंदाज़ में भिखारी की रूह छू लेने वाली भूमिका निभाई—इतनी गहराई और भाव‑प्रवाह कि कुछ जगहों पर देखें तो उनकी तैयारी का अहसास हुआ ।
नागार्जुना (दीपक): एक नैतिक पूर्व CBI ऑफिसर, जो भ्रष्ट व्यवस्था व परिवार की जिम्मेदारियों में उलझता है। उन्होंने शांत लेकिन प्रभावशाली तरीके से पात्र को जीवंत किया।
रश्मिका मंदाना (समीरा): संवेदनशील, आत्म‑निर्भर, और देव के जीवन में मानवता की किरण। उनका छोटा लेकिन impactful रोल दर्शकों को पसंद आया।
जिम सर्भ (नीरज): एक सोफिस्टिकेटेड, रणनीतिक विलेन। उन्होंने नीरज में अंधी सत्ता‑लालसा और चालाकी का बेहतरीन अभिनय दिखाया।
दलीपाहिल, सयाजी शिंदे, सुनैना आदि ने भी सहायक भूमिका में अपनी उपस्थिति दर्ज़ की, हालांकि ज़्यादा समय नहीं मिला ।
प्रतिक्रिया और प्रभाव
आलोचनात्मक प्रतिक्रिया:
बड़ी कास्ट और कंटैंट‑रिच कहानी के बावजूद, कुछ ने अंतिम भाग को पारंपरिक बताया।
शुरुआत से इमोशनल और सामाजिक जांच होती है; यह फिल्म “मैसी” क्राइम‑थ्रिलर शैली के बीच में सहज बनकर खड़ी होती है ।
नेटिज़न्स व दर्शकों की राय:
धनुष को करियर‑बेस्ट कहा गया, और फिल्म को “ब्लॉकबस्टर” माना गया।
हालाँकि कुछ उपयोगकर्ताओं ने “बोरिंग” और धीमी गति की शिकायत की ।
बॉक्स-ऑफिस:
15 करोड़ की ओपनिंग की उम्मीद, रुपये‑करोड़ों की शुरुआती कमाई ।
पुरस्कार:
अभी शुरूआती तारीखों में, मुख्य रूप से अभिनय और कहानी‑स्क्रीनप्ले के लिए सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखीं गईं।
निष्कर्ष
कुबेर एक साहसिक, सामाजिक‑आर्थिक क्राइम‑ड्रामा है, जिसमें भ्रष्ट सत्ता, नैतिक उलझन, सिस्टम फेलियर, और इंसानियत की कहानी सजीव ढंग से दिखाना है। इसकी लंबी अवधि और कुछ पारंपरिक अंत को आलोचनाओं से सामना करना पड़ा, लेकिन:
धनुष—देव की ताकतवर भूमिका में अद्भुत।
नगर्जुना और रश्मिका का सॉफ्ट सपोर्ट शानदार।
निर्देशन और टेक्निकल पक्ष (डायरेक्शन, स्कोर, कैमरा, निर्माण) काबिलेतारीफ।
कुल मिलाकर—एक ऐसी फिल्म जो सामाजिक यथार्थ, राजनीति और व्यक्तिगत परिवर्तन की गहराई से उतरती है। अगर आपको स्लो बर्न, गहरी ड्रामा वाली फिल्में पसंद हैं, तो “कुबेर” जरूर देखें।
संक्षेप में
कहानी: भिखारी से सत्ता की राह—क्राइम और कम्युनिकेशन की ड्रामा
धनुष: कारियर‑बेस्ट अभिनय, जीवंत और संस्पेंस से भरा
नागार्जुना: नैतिक लेकिन पड़े हुए CBI ऑफिसर का रोल
रश्मिका: संवेदनशील और मानवता जोड़ती पात्र
जिम सर्भ: चालाक और आलोकप्रिय विलेन
निर्देशन: शेखर कम्मुला की सोच को बड़े फलक पर देखकर अच्छा अनुभव
तकनीकी: मजबूत, चमकदार कैमरा, संगीत, एडिटिंग
कमियाँ: धीमी गति, थोड़ा पारंपरिक अंत
कुल योग: शानदार अभिनय और सामाजिक कहानी—हक़ीक़त‑भीतरी ड्रामा